क्या है नई शिक्षा निति, जानें विस्तार से....
क्या है नई शिक्षा निति, जानें विस्तार से....
नई दिल्ली: भारत सरकार ने शिक्षा निति 2020 के ड्राफ्ट को मंजूरी देदी है। साथ ही अब मानव संसाधन मंत्रालय का नाम बदल कर शिक्षा मंत्रालय कर दिया जयेगा। मोदी सरकार की कैबिनेट ने पुरानी शिक्षा निति को बदलने की जरुरत पर दलील पेश करते हुए कहा, कि बदलते वक़्त की जरूरतों को पूरा करने, शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने, रिसर्च एंड डेवलपमेंट को बढ़ावा देने और देश को ज्ञान का सुपरपावर बनाने के लिए नई शिक्षा निति की जरुरत है। वर्तमान में चल रही शिक्षा निति को 1986 में भारत में लाया गया था हलाकि उसके बाद कई और बदलाब भी किये गए थे। लेकिन इस बार भाजपा सरकार की कैबिनेट ने इन सभी नीतियों को बदलने का एक ड्राफ्ट लाया है।
विस्तार से जानने के लिए हमने हर पहलु पर पूरी तरह से सरकार की बातों को जाना और समझा है। वैसे तो कई चैनलों पर कई तरह के अनुमान लगाये जा रहे है। लेकिन साहिबगंज न्यूज़ आप सब के लिए सभी बदलाव का एक विस्तार से विश्लेसन लाया है।
सबसे पहले बात करते है स्कूली शिक्षा में आये बदलावों की जो नर्सरी से लेकर 12वीं तक की है। वर्तमान में चल रही शिक्षा का रूप '10+2' का है। यानि 10वी तक सभी विषयों की पढाई और 11वी से अपने रूचि के हिसाब से विषयों का चयन करने की अनुमति दी जाती है जिसमे कई तरह के विकल्प होते है। वही अगर नई निति में बदलाव की बात करे तो यह '5+3+3+4' के रूप में संचालित करने की बात कही गयी है। इसमें 9वी से 12वी तक एक सामान शिक्षा दी जयेगी। जिसमे विषयों को गहरायी से पढ़ाया जाएगा लेकिन स्ट्रीम चयन करने की जरुरत नहीं होगी। यानि सभी विद्यार्थियों को हर तरह के विषयों को चुनने की अनुमति दी जयेगी। जैसे वर्तमान में फिजिक्स पढ़ने वाले विद्यार्थी को इतिहास विषय पढ़ने की अनुमति नहीं होती है लेकिन इस नई निति में इसकी अनुमति होगी। पढाई के अलावा संगीत, कला और खेल अब विषयों के तरह शामिल कर लिया जयेगा और अब इन्हे एक्स्ट्रा नहीं माना जयेगा।
वही 3-6 साल के बच्चों के लिए एक अलग पाठ्यक्रम तय किया जयेगा। जिसमे उन्हें खेल के तरीकों से सिखाया जयेगा। इस निति में शिक्षकों को भो ट्रेनिंग दी जयगी। कक्षा 1-3 के बच्चों को लिखना पढ़ना आ जाए इस पर भी खास जोर दिया जायेगा। इसके लिए सरकार नेशनल मिशन की स्थापना भी करेगी। कक्षा 6 से ही बच्चों को वोकेशनल कोर्स भी पढ़ाये जयँगे ताकि बच्चों में कौशल छमता बढ़ाई जाये। सरकार ने इन बच्चों के लिए इंटर्नशिप की भी योजना बनायीं है। कक्षा 6 से ही बच्चों को कोडिंग-डिकोडिंग भी सिखाये जयँगे। इन नीतियों को लागु करने से पहले स्कूलों के पाठ्यक्रम में कई बदलाव किये जयँगे जो पुरे देश में एक जैसा ही होगा। जोर इसपर भी दिया जयेगा की बच्चों को 5वी कक्षा तक उनकी मातृ भाषा में पढ़ाया जाये।
साथ ही मेट्रिक की परीक्षा साल में दो बार करने पर भी विचार किया जयेगा। जिसमे ऑब्जेक्टिव सवाल भी हो सकते है। साथ ही बच्चों के प्रकाशित रिपोर्ट कार्ड में न सिर्फ शिक्षक उनका मूल्याङ्कन करेंगे बल्कि बच्चों को भी इसका मौका दिया जयेगा जिसमे उनके सहपाठी भी उनका मूल्याङ्कन करेंगे। स्कूल के बाद कॉलेज में दाखिले के लिए एक सामान्य परीक्षा हो इसके लिए एक नेशनल असेसमेंट सेंटर बनाये जाने की भी बात सामने आ रही है। स्कूल से जब बच्चा कॉलेज के लिए जायेगा तब उसके पास वोकेशनल स्किल होगी। नई निति में कॉलेज के फीस का भी एक दायरा बनाया जायेगा।
मुख्य रूप से शिक्षा निति के यही कुछ खास बिंदुएं है। लेकिन देश का हर नागरिक इस बात से वाकिफ है की सरकार की वर्तमान शिक्षा निति उतनी प्रभावशाली नहीं है। जिसमे सुधार के लिए और कई निर्णय लेने होंगे। सरकार द्वारा जारी आकड़ो के हिसाब से सरकार ने शिक्षा पर खर्च बढ़ने का एलान किया है। सरकार ने वर्तमान में GDP का 4.3% शिक्षा के खर्च को बढ़ा कर 6% करने का निर्णय लिया है। अभी सिर्फ नई शिक्षा की ड्राफ्ट को मंजूरी मिली है। इसे लागु होना बाकि है और इसके बाद इसे कई इम्तेहानों से गुज़ारना होगा। मसलन क्या यह शिक्षा निति अपनी बातों को शहरों से दूर छोटे गॉव के बच्चों तक पंहुचा पायंगे जहा पर्याप्त संसाधनों की कामी है ? उम्मीद है यह शिक्षा निति लोगों के उम्मीद के समान हो।
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