साहिबगंज के किसान सीखेंगे उन्नत खेती का फार्मूला, कराया जाएगा बिहार - झारखंड की सैर
Sahibganj News : समाहरणालय स्थित सभागार में उपायुक्त रामनिवास यादव की अध्यक्षता में "आत्मा" साहिबगंज एवं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम अंतर्गत दलहन कार्यक्रम हेतु कार्यकारिणी समिति की बैठक आयोजित की गई।
बैठक में उपायुक्त द्वारा "आत्मा" शासकीय निकाय हेतु प्रस्ताव पर चर्चा किया गया। इस दौरान ऐसे में योजना अंतर्गत वर्ष 2020-21 में किसानों का प्रशिक्षण कराए जाने पर सर्वसम्मति से स्वीकृति प्रदान की गई एवं बताया गया कि फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन ऑफ यूनाइटेड नेशन सिक्किम के द्वारा दिनांक 16.02.2021 से 20.02.2021 तक प्रशिक्षण कराए जाने की तिथि भी निर्धारित है।
इसके अलावा बताया गया कि जिले के किसानों को जैस्मिन हजारीबाग द्वारा प्रशिक्षण कराने की स्वीकृति भी मिली है। यह प्रशिक्षण विभिन्न प्रखंडों के अलावे कृषि विज्ञान केंद्र साहिबगंज में कराया जाएगा।
बैठक में बताया गया कि 2020-21 में सभी प्रखंडों में संकुल बनाकर विभिन्न प्रकार के सब्जियों का प्रत्यक्षण एवं 225 एकड़ में कराया जाना है जिसके अनुसार सभी 9 प्रखंडों में 25- 25 एकड़ में सब्जियों का प्रत्यक्षण करा कर कार्य पूर्ण कर लिया गया है।
बैठक के दौरान बताया गया कि जिले के किसानों को उन्नत किस्म की खेती को जानने तथा जिले में खेती को बड़े पैमाने पर करने हेतु अंतर राज्य परिभ्रमण कराया जाना है। इसलिए किसानों को बिहार कृषि विद्यालय सबौर में हो रहे कृषि मेला में भ्रमण कराया जाएगा।
जहां उन्हें खेती से संबंधित नई जानकारियां मिलेंगे। वही किसानों को राज्य के अंदर उन्नत खेती को जानने के लिए परिभ्रमण कराया जाना है। जो संभवतः समिति के निर्णय अनुसार कृषि महाविद्यालय गोड्डा, बीएयू रांची, आईसीएआर पलामू आदि में कराया जाएगा।
वहीं उपायुक्त ने कहा कि किसानों को सब्जी उत्पादन करने वाले क्लस्टर के दूसरे प्रखंड के खेत में परिभ्रमण कराया जाएगा, ताकि उन्हें सब्जी की खेती के बारे में संबंधित जानकारी मिल सके। इसी संबंध में बैठक में बताया गया कि कृषि के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु सभी प्रखंडों से दो-दो कृषकों को "आत्मा" की ओर से पुरस्कृत भी किया जाएगा।
बैठक में उपायुक्त ने जिले में कृषि मेला के सफल आयोजन के बाद संयुक्त रूप से सभी प्रखंडों में कृषि मेला आयोजित करने का निर्देश दिया। साथ ही सरकारी योजनाओं से किसानों को लाभ दिलाने एवं स्टॉल लगाकर उन्हें लाभ देने का भी निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया।
वहीं बैठक में किसान और वैज्ञानिक के अंतर मिलन पर चर्चा करते हुए बताया गया कि किसान एवं वैज्ञानिकों का कृषि के विभिन्न - विभिन्न विषयों पर जानकारी का आदान- प्रदान करने हेतु गोष्ठी एवं परिचर्चा आयोजित की गई है, साथ-साथ कृषि के विषयों एवं समस्याओं के निराकरण हेतु कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक एवं विशेषज्ञों से कृषकों को परामर्श भी दिया जा रहा है।
उपायुक्त ने संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रखंड स्तर पर किसान भवन में कृषि एवं संबंध क्षेत्र के विभिन्न विषयों पर किसान गोष्ठी प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन करें एवं कृषि मेला में भी किसान गोष्ठी आदि का आयोजन कर किसानों को खाद के उपयोग एवं मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने जैसे गंभीर विषयों पर जानकारी मुहैया कराएं। आगे बैठक में बताया गया कि 7 प्रखंडों में 9 कृषक पाठशाला का भी संचालन किया जा रहा है। जिससे किसानों को खेती के बारे में नई जानकारी मिल रही है।
राष्ट्रीय खाद सुरक्षा मिशन दलहन की समीक्षा एवं निर्देश
बैठक में उपायुक्त रामनिवास यादव ने राष्ट्रीय खाद सुरक्षा मिशन दलहन की समीक्षा की जिसमें बताया गया कि प्रमाणित तकनीक का प्रत्यक्षण हेतु 130 हेक्टेयर का लक्ष्य दिया गया था। लक्ष्य के अनुसार खरीफ सोल क्रॉप में 29 हेक्टेयर तथा रब्बी सोल क्रॉप में चना 40 हेक्टेयर, मसूर 60 हेक्टेयर, कुल 130 हेक्टेयर में प्रत्यक्षण कार्य पूर्ण कर लिया गया है, तथा मूंग 5 हेक्टेयर में गर्मी के मौसम में यह प्रत्यक्षण कार्य किया जाएगा।उपायुक्त ने इसी संबंध में कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक द्वारा इसका निरीक्षण एवं सत्यापन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। वहीं फसल क्रम आधारित प्रत्यक्षण की समीक्षा करते हुए बताया गया कि कुल 55 हेक्टेयर में प्रत्यक्षण कार्य पूर्ण कर लिया गया है।
उपायुक्त ने इसी संबंध में किस-किस प्रखंड में यह प्रत्यक्षण कार्य किया गया है। इससे संबंधित जानकारी लेते हुए कृषि वैज्ञानिकों से निरीक्षण कार्य की रिपोर्ट देने का निर्देश दिया एवं वैज्ञानिकों से कहा कि वह प्रत्यक्षण के बाद फाइंडिंग्स की रिपोर्ट बनाएं एवं जिले को प्रस्तुत करें।
इसके अलावा बैठक में उपायुक्त द्वारा समेकित पोषण तत्व प्रबंधन की समीक्षा की गई। जिसमें किसानों को पर हेक्टेयर कितना जिप्सम, सल्फर, चूना, बायो फर्टिलाइजर दिया जाए आदि की जानकारी ली। इस दौरान इच्छुक किसानों को चयन कर इस सभी उत्पादों का वितरण अनुमानित दर पर करने का अनुमोदन सर्वसम्मति से पारित किया गया।
बैठक में खाद्य सुरक्षा मिशन तिलहन की समीक्षा की गई। जिसमें बताया गया कि जिले को मिले 114 हेक्टेयर में सरसों प्रत्यक्षण एवं तिसी 90 हेक्टर का प्रत्यक्षण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। इसी संबंध में उपायुक्त ने कहां-कहां कितना प्रत्यक्षण कार्य किया गया है से संबंधित जानकारी ली।
इस दौरान उन्होने कृषि वैज्ञानिक केवीके को फाइंडिंग एवं अभी वर्तमान में सरसों के पौधों की स्थिति आदि का आकलन करने एवं फाइंडिंग का रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश भी दिया। उपायुक्त श्री यादव ने बैठक के दौरान उपस्थित प्रगतिशील किसानों से बातचीत भी की।
उन्होंने किसानों से पूर्व में किए गए उनके प्रयासों एवं वर्तमान में उनके फसलों की स्थिति आदि पर चर्चा की तथा उन्होंने इस दौरान किसानों से आने वाले समय में होने वाले उपज की जानकारी ली एवं उनसे खेती के दौरान आने वाली समस्याओं पर भी चर्चा की।
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