राजमहल विधायक अनंत ओझा ने निषादों का मुद्दा विधानसभा में उठाया
Sahibganj News : झारखंड विधानसभा में पुनः चांय जाति सहित निषाद वंशीय समाज को अनुसूचित जाति का दर्जा देने का मामला झारखंड विधानसभा में ध्यानाकर्षण के माध्यम से राजमहल विधायक अनंत ओझा ने उठाया।
पिछले कार्यकाल में लगातार विधानसभा के माध्यम से विधायक अनंत ओझा ने चांय जाति सहित निषादवंशीय समाज के उपजाति केवट, मल्लाह, विन्द, नमोशूद्र ,गोढी को अनुसूचित जाति - जनजाति का दर्जा देने की मांग की थी।
विधानसभा मे विधायक अनंत ओझा द्वारा विभिन्न प्रश्नो के माध्यम द्वारा उठाए जा रहे सवाल के आलोक में पूर्ववर्ती रघुवर दास सरकार ने डॉ. रामदयाल मुंडा जनजातीय शोध संस्थान के माध्यम से सामाजिक एवं आर्थिक सर्वेक्षण कराने की बात कही थी।
पूर्ववर्त्ति सरकार के कार्यकाल के अंतिम वर्ष में जनजातीय शोध संस्थान ने उपरोक्त जातियों को उनके उत्थान और उन्नयन के लिए अनुसूचित जाति में शामिल करने की सिफारिश कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग से की थी।
बता दें कि झारखंड विधानसभा के अंदर विधायक अनंत ओझा ने 2017 में भी अल्पसूचित प्रश्न के तहत कार्रवाई की मांग की थी। जबाव में तत्कालीन सरकार ने डॉ. रामदयाल मुंडा जनजातीय शोध संस्थान को सरकार ने अपना प्रतिवेदन सौंपा था।
अब ध्यानाकर्षण के माध्यम से विधायक अनंत ओझा ने चांय जाति सहित निषाद वंशीय समाज के उपजातियों को दर्जा देने हेतु केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेजने का आग्रह किया।
राजमहल विधायक अनंत ओझा की लगातार मांग पर सरकार ने अपने उत्तर में कहा कि संविधान अनुसूचित जाति आदेश 1950 में संशोधन की कार्रवाई केंद्र सरकार के स्तर पर किए जाने का प्रावधान है।
विधायक अनंत ओझा द्वारा विधानसभा में उठाए गए सवाल पर विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश पर संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने इन जातियों को डॉ. रामदयाल मुंडा जनजातीय शोध संस्थान के प्रतिवेदन के आलोक में केंद्र सरकार के पास भेजने की बात कही है।
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