झारखंड में 51 दिन बाद एक हजार से कम कोरोना मरीज मिलें, संक्रमण की रफ्तार भी रुकी
Jharkhand : झारखंड के लोगों के संयम के आगे कोरोना का संक्रमण अब पूरी तरह से कमजोर पड़ चुका है. कोरोना संकट के बीच बुधवार को झारखंड के लिए बेहद अच्छी और राहत देने वाली खबर आयी है.
बुधवार को राज्य में कोरोना के मात्र 977 नए मरीज मिलें है. जो पिछले 51 दिनों में सबसे कम है. कोरोना की दूसरी लहर के बाद ये पहली बार है जब एक दिन में राज्य में कोरोना के नए मरीजों की संख्या एक हजार से नीचे पहुंची है.
इससे पहले चार अप्रैल को 788 मरीज मिलें थे. यहीं नहीं, पूरे राज्य में बीते एक माह में सबसे कम मात्र 19 मरीजों की मौत हुई है. झारखंड का रिकवरी रेट भी राष्ट्रिय औसत 89.70 फीसदी से बहुत आगे पहुंच गया है.
बुधवार को राज्य में 2403 मरीजों के स्वस्थ होने के साथ ही रिकवरी रेट 94.28 फीसदी पर पहुंच गया है. इतना ही नहीं राज्य में संक्रमण की दर भी 2 फीसदी पर पहुंच गयी है.
संक्रमण की रफ्तार रुकी, डबलिंग रेट में रिकॉर्ड इजाफा
झारखंड में कोरोना संक्रमण के फैलने की रफ्तार पर भी ब्रेक लग गया है. राज्य में बुधवार को डबलिंग रेट बढ़कर 174.67 दिन हो गया है. वहीं, देश का डबलिंग रेट 114.47 दिन है.
यानी झारखंड में अब देश के मुकाबले संक्रमण के बढ़ने की रफ्तार बेहद धीमी और सुस्त पड़ चुकी है. झारखंड में अब 175 दिनों में कोरोना संक्रमण के मामले दोगुने हो रहे है, जबकि पूरे देश की बात की जाये, तो देश में 114 दिनों में संक्रमण के मामले दोगुने हो रहे है.
डबलिंग रेट से कोरोना संक्रमण की रफ्तार का पता चलता है. डबलिंग रेट का मतलब होता है कि कितने दिनों में संक्रमण के मामले दोगुने हो रहे है.
बता दें कि झारखंड में स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह की शुरुआत के समय 22 अप्रैल के आसपास राज्य का डबलिंग रेट 23 दिन था, जो अब बढ़कर 175 दिन हो गया है. यानी 22 अप्रैल के आसपास झारखंड में 23 दिनों में ही कोरोना के मामले दोगुने हो रहे थे, जो अब बढ़कर 175 दिन हो गया है.
जाहिर है, राज्य में कोरोना के संक्रमण की रफ्तार थम चुकी है. मगर अब भी हमें सतर्क और सावधान रहने की जरुरत है. इसीलिए जब भी घरों से निकलें तो मास्क जरूर पहनें और दो गज की दूरी का पालन करें.
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