भूविज्ञान के क्षेत्र में डॉ. सीताराम सिंह मेमोरियल नेशनल चेयर की स्थापना का संकल्प
प्रतिवर्ष भू-विज्ञान के दो निर्धन छात्रों को स्कॉलरशिप, वर्चुअल माध्यम से देश भर के भू -वैज्ञानिकों द्वारा श्रद्धांजलि सभा का आयोजन
Sahibganj News : "ओम असतो मा सद्गमय" आत्मा शांति मंत्र के साथ साहिबगंज महाविद्यालय के भू -विज्ञान विभाग के संस्थापक और पूर्व प्राचार्य डॉ. सीताराम सिंह की श्रद्धांजलि सभा वर्चुअल माध्यम से आयोजित की गई।श्रद्धांजलि सभा में झारखंड, बिहार के अलावा देशभर के भू- वैज्ञानिक शामिल हुए। सभी लोगों द्वारा डॉ. सीताराम सिंह एवं उनकी दिवंगत पत्नी इंदू सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित कर इस दुख की घड़ी में परिवार को शक्ति सहने की भगवान से प्रार्थना की गई।
ज्ञात हो कि 30 अप्रैल को पत्नी इंदू एवं 9 मई को डॉक्टर सीताराम सिंह का निधन हुआ था। देशभर के भू- वैज्ञानिकों एवं इसमें शामिल परिवार के सदस्यों ने डॉ. सीताराम सिंह के नाम से राष्ट्रीय स्तर का चेयर एवं फाउंडेशन की स्थापना का संकल्प लिया।
इसके लिए डॉ. रणजीत कुमार सिंह, डॉ. प्रमोद कुमार एवं प्रो मनीष कुमार सिन्हा की एक कमेटी बनाई गई है।
फाउंडेशन के माध्यम से प्रतिवर्ष भू -विज्ञान पढ़ने वाले 2 निर्धन छात्रों को स्कॉलरशिप की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
फाउंडेशन के माध्यम से प्रतिवर्ष भू -विज्ञान पढ़ने वाले 2 निर्धन छात्रों को स्कॉलरशिप की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
लखनऊ विश्वविद्यालय के भू-विज्ञान के पूर्व अध्यक्ष सह पूर्व प्रति कुलपति डॉ. महेंद्र पाल सिंह ने कहा कि राजमहल के पहाड़ी क्षेत्रों को तो सभी जानते हैं। परंतु साहिबगंज का नाम अंतरराष्ट्रीय फलक के मानचित्र पर भू- विज्ञान के क्षेत्र में देने का श्रेय डॉ. सीताराम सिंह को ही जाता है।
वहीं नवगछिया के आरक्षी अधीक्षक सुशांत कुमार सरोज ने कहा कि साहिबगंज महाविद्यालय में उनकी आदमकद प्रतिमा स्थापित की जाएगी, और उनकी भू- विज्ञान के क्षेत्र में उपलब्धियों को एकत्रित कर छात्रों को उपलब्ध कराई जाएगी।
इस वर्चुअल श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता डॉ. रणजीत कुमार सिंह एवं संचालन दिल्ली से डॉ. राजेश पॉल ने किया। मौके पर डॉ. रणजीत कुमार सिंह ने कहा कि प्रतिवर्ष उनके पुण्यतिथि पर भू-विज्ञान पर राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित किए जाएंगे। जिसमें देश- विदेश के लोगों को आमंत्रित भी किया जाएगा।
जियोलॉजिकल सोसायटी ऑफ़ साहिबगंज का गठन अगले माह में उनकी स्मृति में करने का निर्णय लिया गया है। यह सोसाइटी नई खोज को पूरा करने एवं छात्र हितों के लिए काम करेगी। इस संदर्भ में बनी कमेटी विश्वविद्यालय प्रशासन से समन्वय करेगी।
उपस्थित वक्ताओं ने डॉ. सीताराम सिंह के व्यक्तित्व और विद्वता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जब से वे साहिबगंज में कदम रखा, तब से छात्र हित ही नहीं बल्कि सामाजिक रूप से लोगों के बीच अपनी पहचान बनाई।
शैक्षणिक और सामाजिक जीवन में उनकी उपलब्धि हम सब के लिए प्रेरणा स्रोत है। देर रात तक अपने बच्चों और छात्रों को पढ़ाने के लिए जगे रहते थे। किसी भी परिस्थिति में छात्रों का मार्गदर्शन करना नहीं भूलते थे।
श्रद्धांजलि सभा में दुमका से डॉ.गगन ठाकुर, देवघर के डॉ. मदन मोहन तिवारी, देवघर टीचर ट्रेनिंग कॉलेज के पूर्व प्राचार्य प्रमोद प्रसाद सिंह, डॉ. त्रिपुरारी सिंह, डॉ. अजय कुमार सिन्हा , रांची से डॉ. उमेश चंद्रवंशी, भागलपुर के डॉ. शशि शेखर सिंह,
पाकुड़ कॉलेज से डॉ. प्रसनजीत मुखर्जी, लखनऊ के प्रो. महेंद्र पाल सिंह , डॉ. रानी झा, डॉ. राखी रानी, दुर्गापुर से विभूति सिंह, विश्वविद्यालय के परिमल कुंदन, लखनऊ से ऋषिकेश सिंह, दिल्ली के डॉ. संजय सिंह, दिल्ली से संजय ठाकुर,
ओम प्रकाश सिंह, मनोज दुबे, विक्रम कुमार सिंह, सुबोध कुमार सिंह, राजीव मिश्रा, अमित कुमार, निशि कांत मंडल ने शान्ति पाठ किया। वहीं गोड्डा से पवन कुमार, एकचारी से प्रमोद कुमार सिंह, डॉ. राधा, डॉ. ध्रुव ज्योति कु सिंह एवं उनके परिवार से पुत्र राहुल कुमार,
पुत्री इला सिंह, दामाद मनोज कुमार सिंह, अनुज रणवीर सिंह, अग्रज पूर्व प्रधानाध्यापक सच्चिदानंद सिंह, हरिओम उत्तम, मनोरंजन , विरंजन, वीरेश्वर प्रसाद सिंह , रुपेश , सुशांत आदि ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर शोक उद्गार व्यक्त किये।
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