पत्रकार प्रताड़ना के बढ़ते मामलों से राज्य की छवि हो रही धूमिल : प्रभारी प्रीतम भाटिया
एआईएसएम जर्नलिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन के बिहार - झारखंड और बंगाल प्रभारी प्प्रीतम भाटिया ने गिरिडीह में पत्रकार अजीत साव के मामले में मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक, डीआईजी, एसपी समेत राज्य की सत्तारूढ़ और विपक्षी पार्टियों को भी टैग कर संज्ञान लेने को कहा है।
बताते चलें कि गिरीडीह में जमीन विवाद को लेकर पत्रकार सुजीत कुमार, उसके पिता और भाई पर भी मारपीट और छेड़खानी का केस दर्ज कर दिया गया है। अब पुलिस बताये कि कौन बेटा और बाप होगा जो एक ही महिला के साथ मिलकर छेडे़गा।
थानेदारों को ऐसे वाहियात मामले समझ नहीं आते या सीधे रूप से इसे उसकी बदमाशी कहा जाए। इस मामले में ऐसोसिएशन के सुझाव पर सुजीत ने ऑनलाइन शिकायत की है। उन्होंने कहा कि ऐसा ही हाल राज्य में कुछ अन्य थानेदारों का भी है। जो दिन-रात लाफा-सोटिंग में लीन हैं।
धनबाद के ही झरिया थानेदार पंकज झा भी खुलेआम एक निर्दोष पत्रकार नागेश सिह को जेल भेजता है, जो आज तक जेल में ही है। डीआईजी बोकारो के जाँच के बावजूद सुपरविजन के नाम पर मामले को लटकाया जाता है।
जेल भेजने पर विरोध करने पर खिसयाए थानेदार टारगेट कर पत्रकार अंकित झा को कुछ दिनों बाद पकडा़ जाता है फिर पत्रकारों का विरोध और थाने का घेराव करने पर उसे छोड़ देता है।
अंततः धनबाद में विभिन्न आंदोलनों और धरना-प्रदर्शन के नेतृत्वकर्ता बंटी जयसवाल को दलाल के माध्यम से धमकाया जा रहा है। अब खबर को लेकर पत्रकारों द्वारा झरिया थाने का बहिष्कार हो गया है।
फर्जी मामलों और प्रताड़ना पर प्रदेश अध्यक्ष रामप्रवेश सिहं ने कहा कि कुछ ऐसा ही देवघर में भी एक थानेदार ने पत्रकार से कहा थाना आए तो केस कर देंगे। मानो थाना उसके बाप की जागिर हो।
हजारीबाग में कभी पत्रकारों को गाँजा रखकर जेल भेजा जा रहा है, तो कभी छेड़खानी के मामलें में, तो कभी न्याय मांगने पर। आखिर पत्रकारों को जब टारगेट किया जाता है तो मुख्यमंत्री और डीजीपी तक को ट्वीट कर जानकारी दी जाती है। किंतु प्रायः उस सूचना पर ट्वीट का जवाब ही नहीं आता है।
प्रदेश महासचिव सुनील पांडेय ने कहा आखिर राज्य में यह कैसी परंपरा का पिछले कुछ सालों से हम पत्रकार सामना कर रहे हैं। इससे भी शर्मनाक है कि पत्रकारों का इस मुसीबत में कुछ ऐसे अखबार/चैनल भी सहयोग नहीं कर रहें हैं जिनके खबरों का प्रसार संख्या सबसे ज्यादा है।
प्रदेश सचिव जीतेंद्र ज्योतिषी ने कहा कि आज सरायकेला में भी 4 पत्रकारों के खिलाफ झूठी शिकायत आदित्यपुर थाने को मिली है। अधिकांश फर्जी मामलों में जयचंदों का ही हाथ है जो किसी न किसी अन्य पत्रकार संगठनों के बतौर पदाधिकारी कार्यरत हैं। पुलिस-प्रशासन और जिले के एसपी को पत्रकारों के खिलाफ ऐसी फर्जी शिकायतों पर भी कार्रवाई करने की जरूरत है। है।
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