Lockdown से दो महीने में ही गयी 22 लाख लोगो की नौकरी गई, झारखंड में भी बेरोजगारी दर 7% तक बढ़ी
Lockdown Effect : कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर अब ढलान पर है. मगर ये लहर अपने पीछे बर्बादी और बेरोजगारी की जो निशानियां छोड़कर गयी है. वो सिहरन पैदा करने वाली है.
बीते दो महीने से संक्रमण की दूसरी लहर को काबू में करने के लिए अलग अलग राज्य सरकारों द्वारा अपने राज्यों में पाबंदिया लागू की गयी थी. कहीं संपूर्ण लॉकडाउन तो कहीं आंशिक लॉकडाउन लगाया गया.
मगर हमेशा की तरह लॉकडाउन का साइड इफ़ेक्ट भी अब सामने आने लगा है. देश में बीते 2 महीने में 22 लाख लोगो को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ा है.
भारतीय अर्थव्यवस्था निगरानी केंद्र के प्रमुख महेश व्यास ने कहा है कि हमने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अप्रैल और मई में 22.7 लाख नौकरीया खो दी है.
देश में नौकरियों की कुल संख्या लगभग 40 करोड़ है. इन 40 करोड़ लोगों में से जो कार्यरत थे उनमें से 22.7 लाख लोगों ने पिछले 2 महीनों में अपनी नौकरी गंवाई है.
बात अगर झारखंड की करे. तो राज्य की स्थिति भी ठीक नहीं है. संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए आठ अप्रैल से जारी पाबंदियों के कारण सूबे में बेरोजगारी दर सात फीसदी तक छलांग लगा चुकी है.
2020 में लगे राष्ट्रव्यापी संपूर्ण लॉकडाउन से राज्य में बेरोजगारी दर 50% से ज्यादा बढ़ गयी थी. फिर भी राज्य में सात फीसदी बढ़ी बेरोजगारी दर के हिसाब से बेरोजगार हुए लोगो की संख्या लाखो में होगी.
सेण्टर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी ( CMIE ) के ताजा आंकड़े बताते है कि झारखंड का बेरोजगारी दर अप्रैल 2021 में 16.5 फीसदी था. जबकि पिछले साल अप्रैल 2020 में ये दर 47.2% था.
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