साहिबगंज में विश्व पर्यावरण दिवस का हुआ आयोजन : जिले में लगाए जाएंगे 10 लाख पेड़


साहिबगंज : वन प्रमंडल की ओर से आज विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर साहिबगंज स्थित धोबी झरना के समीप कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

साहिबगंज में विश्व पर्यावरण दिवस का हुआ आयोजन : जिले में लगाए जाएंगे 10 लाख पेड़

ज्ञात हो कि पर्यावरण में प्रदूषण के बढ़ते स्तर की वजह से कभी बारिश तो कभी सूखे की स्थिति रहती है। ऐसे में जरूरी है कि लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक कराया जाए।


ऐसे में पर्यावरण व अपने आप को स्वच्छ करने का एक मौका मिला है। कार्यक्रम का शुभारंभ जिला सत्र न्यायाधीश, उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक एवं वन प्रमंडल पदाधिकारी द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।


कार्यक्रम के दौरान जिले वासियों को संबोधित करते हुए जिला सत्र न्यायाधीश वंशीधर तिवारी ने कहा कि पूर्व में जब वह साहिबगंज में पोस्टेड थे, तो चारों तरफ हरियाली देखने को मिलती थी एवं प्रकृति का मनोरम नजारा देखने को मिलता था।

परंतु वर्तमान समय में प्रकृति के दोहन के कारण स्थिति एवं वातावरण बदलसी गयी है। इसलिए हमें सजग होने की आवश्यकता है। आज के दिन हम यह प्रण लें कि हम सब अपने स्तर से पेड़ - पौधे लगाएंगे एवं पर्यावरण के बचाव में जिला प्रशासन का सहयोग करेंगे।

कार्यक्रम के दौरान उपायुक्त राम निवास यादव ने अपने संबोधन में कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का उद्देश्य है कि लोग पर्यावरण के प्रति ज्यादा से ज्यादा जागरूक हों एवं बढ़ते प्रदूषण के प्रति सतर्क हों।


इस दिशा में कार्य करने एवं लोगों को सचेत करने के उद्देश्य से हर साल विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि आज हम देख सकते हैं कि हमें आए दिन चक्रवातीय तूफान, बाढ़, सूखा या बदतर मौसम का सामना करना पड़ता है।

इन सब के पीछे का एकमात्र कारण प्रकृति का हम इंसानों द्वारा अत्यधिक दोहन है। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों आए चक्रवातीय तूफान के कारण हमारे जिले में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई थी।

पहाड़ों का पानी सीधा मोहल्लों में प्रवेश करने लगा, जिससे शहरी इलाकों में जलजमाव हुआ एवं नालों से भी अत्यधिक वर्षा का बोझ सहा नहीं जा सका। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि सिर्फ एक - दो दिनों की बारिश में ही ऐसी भयावह स्थिति से अनुमान लगाया जा सकता है कि हमने प्रकृति का किस प्रकार दोहन किया है।


हमें ऐसी स्थिति से सीख लेनी चाहिए एवं आगे और अधिक सतर्कता बरतनी चाहिए। उपायुक्त श्री यादव ने कहा कि पिछले दिनों भारी वर्षा के कारण गुमानी नदी का पानी शहरी इलाकों में भर गया। जिससे जनजीवन और आवागमन काफी हद तक प्रभावित हुआ।

इसलिए अब हमें सचेत हो जाने की आवश्यकता है एवं अपने तटबंधों पर अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना होगा।  हर व्यक्ति द्वारा वृक्षारोपण करना और पर्यावरण के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता है।

उपायुक्त रामनिवास यादव ने लोगों से कहा कि अगर हर व्यक्ति अपने स्तर से पौधे लगाए तो निश्चित ही आने वाले समय में हमारा जिला ही नहीं बल्कि पूरा देश -  प्रदेश हरा - भरा रहेगा। जिससे वर्षा भी समय पर एवं प्रतिकूल मात्रा में होगी।


उपायुक्त राम निवास यादव ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा एक 2 महीने के भीतर ही 10 लाख वृक्ष लगाने का लक्ष्य रखा गया है। जिसके अनुसार जो भी व्यक्ति अगर वृक्ष लगाना चाहता है, उन्हें जिला प्रशासन एवं वन प्रमंडल विभाग द्वारा आवश्यक मदद की जाएगी। जिसमें उन्हें पौधे, खाद, बीज़ इत्यादि उपलब्ध कराए जाएंगे।

उपायुक्त श्री यादव ने लोगों से कहा कि जिला प्रशासन द्वारा वृक्ष तो लगाए जा रहे हैं, परंतु यह हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है कि, हम अपने पर्यावरण को बचाएं। प्रकृति का कम दोहन करें एवं अपने आने वाले पीढ़ियों को एक अच्छा पर्यावरण एवं वातावरण उपलब्ध कराएं।

जिले वासी अगर जिला प्रशासन के साथ कदम से कदम मिलाकर चले तथा अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए, हर व्यक्ति पांच पौधे लगाए तो न सिर्फ हम प्रदूषण से मुक्त हो जाएंगे। बल्कि यहां मनोरम छटा भी देखने को मिलेगी।


कार्यक्रम के दौरान उपायुक्त ने कहा कि वन विभाग के द्वारा तालझारी प्रखंड में 100 एकड़ में वन क्षेत्र बनाया गया है, जो वातावरण पर काफी अनुकूल प्रभाव डाल रही है। आज के समय में आवश्यकता है कई इलाकों में ऐसे ही वन क्षेत्र बनाए जाएं।

जिला प्रशासन द्वारा एवं वन विभाग द्वारा गुमानी नदी के तटबंध के आसपास भी ऐसे ही वन क्षेत्र बनाने जाने की योजना बनाई जा रही है। साथ ही तालझारी में 100 एकड़ वन क्षेत्र को बढ़ाकर 200 एकड़ वन क्षेत्र बनाने की भी योजना पर कार्य किया जा रहा है।

कार्यक्रम के दौरान वन प्रमंडल पदाधिकारी मनीष तिवारी ने कहा कि आम जनता अपने स्तर से पर्यावरण की रक्षा करने के लिए सामने आएं एवं ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगाएं।


उन्होंने कहा कि आज के कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल पर्यावरण को बचाना है बल्कि हमारे पर्यावरण की बनावट या प्रकृति की गोद में बसे झरनों, जल स्रोतों, प्राकृतिक वन क्षेत्रों, वेट लैंड आदि का भी बचाव करना है।

उन्होंने बताया कि वन विभाग के द्वारा प्राकृतिक स्रोतों के बचाव तथा उसे ढूंढने हेतु योजना बनाई जा रही है  साथ ही कई क्षेत्रों को वन क्षेत्र के रूप में विकसित किए जाने पर भी विचार किया जा रहा है।

वन प्रमंडल पदाधिकारी श्री तिवारी ने कहा कि जिस प्रकार जंगलों से चोरी छुपे लकड़ी कटाव का कार्य किया जाता है। उस पर लगाम लगाने हेतु वन विभाग द्वारा आरोपियों पर सख्त कार्यवाही की जाएगी।


इसके अलावा उन्होंने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का यही उद्देश्य है की जंगलों में बसने वाले जीव जंतुओं, अमूल्य वनस्पतियों, जड़ी - बूटी, पहाड़ एवं जल स्रोतों का ज्यादा से ज्यादा संरक्षण किया जाए।

उन्होंने कहा कि इस दिशा में अग़र हमने अभी कोई कदम नहीं उठाया, तो आने वाले समय में बहुत बड़ी विपदा का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए जिले वासियों से अनुरोध है कि वह पर्यावरण एवं पर्यावरण में निहित अमूल्य तत्वों का संरक्षण करें अपने स्तर से पौधे लगाएं।

जल स्रोतों का कम से कम दोहन करें, वर्षा के पानी को संरक्षण करने हेतु रेन वाटर हार्वेस्टिंग आदि का उपयोग करें तथा प्रदूषण फैलाने वाले चीजों का कम से कम इस्तेमाल करें।


मौके पर जिला सत्र न्यायाधीश वंशीधर तिवारी, उपायुक्त राम निवास यादव, पुलिस अधीक्षक अनुरंजन किस्पोट्टा, वन प्रमंडल पदाधिकारी मनीष तिवारी ने बरगद, पीपल आदि के 22 वृक्ष लगाते हुए यह संदेश दिया कि जिले के लोग भी अपने आस-पड़ोस और घरों में पौधारोपण कर सकते हैं। यह हमारे लिए ही नहीं बल्कि वातावरण के लिए भी बेहद जरूरी है।

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