युद्ध के स्याह पक्ष : यूक्रेन - रूस युद्ध संकट के वर्तमान परिपेक्ष्य में अमन कुमार होली की कविता


युद्ध के स्याह पक्ष : यूक्रेन - रूस युद्ध संकट के वर्तमान परिपेक्ष्य में अमन कुमार होली की कविता

युद्ध के स्याह पक्ष : यूक्रेन - रूस युद्ध संकट के वर्तमान परिपेक्ष्य में अमन कुमार होली की कविता

युद्ध लाता है हर ओर घनघोर तबाही,

युद्ध लाता है भयावहता का मंजर।

युद्ध लाता है ईर्ष्या, युद्ध लाता है द्वेष,

युद्ध लाता है हर विकार मन के अंदर।


युद्ध होता है तो खून से हाथ रंग जाते हैं,

युद्ध होता है तो हजारों लाखों अपंग हो जाते हैं।

युद्ध होता है तो लाशों के ढ़ेर लग जाते हैं,

युद्ध होता है तो अंधे के हाथ बटेर लग जाते हैं।


युद्ध लाता है खामोशी, धमाकों की किलकारी 

युद्ध लाता है बेबसी, युद्ध लाता है लाचारी,

युद्ध लाता है चारों ओर राक्षसों सा अट्टहास,

युद्ध लाता है जिंदगी और मौत का उपहास।


युद्ध होता है तो रक्त से लाल हो जाती है धरती,


युद्ध होता है तो मानवता सिहर - सिहर कर मरती।

युद्ध होता है तो अस्त्र-शस्त्र हर ओर चलाई जाती है,

युद्ध के बाद 'अमन' हेतु शांति सभा बुलाई जाती है।

अमन की मानो पुतिन - जेलेंस्की,


छोड़ दो युद्ध का आधार,

मत करो तुच्छ हितों के लिए 

दुनिया में मानवता का संहार।


टैंक-मिसाइल, गोला - बारूद से 

कभी संभव नहीं इंसानी व्यापार,

अंत में मानना ही होगा तुम्हें 

वसुधैव कुटुंबकम् का विचार।

रचनाकार © अमन कुमार होली
युवा कवि और स्वतंत्र रचनाकार
स्वरचित एवं मौलिक कविता
जिला :- साहिबगंज (झारखंड)

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