कौन सी कोरोना वैक्सीन कितने महीने देती है सुरक्षा और बूस्टर डोज क्यों है जरूरी : पढ़ें नई स्टडी में क्या पता चला है?
कौन सी कोरोना वैक्सीन कितने महीने देती है सुरक्षा और बूस्टर डोज क्यों है जरूरी : पढ़ें नई स्टडी में क्या पता चला है?
कोरोना वैक्सीन से मिला प्रोटेक्शन ज्यादा समय तक शरीर को इस खतरनाक वायरस के खिलाफ सुरक्षा नहीं दे पाता। एक नई स्टडी में दावा किया गया है कि वैक्सीन इस वायरस के प्रति शरीर में अपने आप बनी इम्युनिटी से बेहतर सुरक्षा प्रदान करती है।
हालांकि ये वायरस समय के साथ खुद को बदल रहा है। ऐसे में शरीर में इसके खिलाफ बनी इम्युनिटी भी ज्यादा समय तक काम नहीं कर पाती। मतलब ये कि अगर इस वायरस की चपेट में फिर आने से बचना है तो वैक्सीन की बूस्टर डोज लेनी ही पड़ेगी। इस स्टडी में ये भी पता लगाया गया कि कौन सी वैक्सीन कितने समय तक शरीर को कोरोना वायरस से बचा पाती है। "प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज" की ये स्टडी पिछले दिनों प्रकाशित हुई है। इसमें बताया गया है कि कोरोना वायरस के इन्फेक्शन से बचाने के लिए एंटीबॉडी की तुलना में वैक्सीन से अच्छी प्रतिरक्षा मिलती है, इसलिए बूस्टर वैक्सीन यानी बूस्टर डोज लेना आवश्यक है। इस अध्ययन में इस बात की पड़ताल की गई कि SARS-CoV-2 के खिलाफ टीकों से मिली इम्युनिटी कब तक काम करती है और शरीर के अंदर एंटीबॉडी से अपने आप बनी प्रतिरोधक क्षमता कब घटने लगती है। कोरोना से निपटने की प्रभावी रणनीति बनाने के लिए इस बात की जानकारी बेहद जरूरी है।
सामान्य कोरोना वैक्सीन की एंटीबॉडी की क्षमता का विश्लेषण जेफरी पी. टाउनसेंड और उनके सहयोगियों ने तुलनात्मक विकासवादी विश्लेषण का इस्तेमाल करके समय बीतने के साथ प्रतिरक्षा कम होने और संक्रमण की चपेट में आने की संभावना का अनुमान लगाया। इसके लिए उन्होंने कोरोना संक्रमण के डाटा, फिर से कोरोना की चपेट में आने के आंकड़ों, प्राकृतिक प्रतिरक्षा बनने के बाद एंटीबॉडी के घटते स्तर और वैक्सीन के प्रभावों का अध्ययन किया।
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