झारखण्ड स्वास्थ्य विभाग की मुफ्त एंबुलेंस सेवा 108 का कॉन्ट्रैक्ट समाप्त
रांची: स्वास्थ्य विभाग की मुफ्त एंबुलेंस सेवा 108 के ड्राइवर और इनरजेंसी टेक्नीशियन अब बेकार हो गये हैं.
108 सेवा के तहत एडवांस लाइफ सेविंग और बेसिक लाइफ सेविंग की सुविधाओं से लैश 337 एंबुलेंस के ड्राइवरों का कांट्रैक 15 नवंबर 2022 को ही समाप्त हो गया है. अब तक इन्हें सेवा विस्तार नहीं दिया गया है. 108 एंबुलेंस की सेवा झारखंड की लाइफ लाइन कही जाती थी.
इसकी शुरुआत 15 नवंबर 2017 को की गयी थी. इस सेवा के तहत मरीजों को घर से अस्पताल और अस्पताल से वापस घर तक पहुंचाने के लिए की जाती थी. इसका लाभ लाखों लोग ले चुके हैं. राज्य सरकार ने सेवा को ऑनलाइन बनाते हुए जीवनदूत एप भी लांच किया गया.
वहीं गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित अस्पताल तक पहुंचाने में भी इसका उपयोग किया जाता था. जिस कंपनी को यह सेवा स्वास्थ्य विभाग की ओर से दिया था उनका कांट्रैक्ट अब समाप्त हो गया है. इससे जुड़े अधिकांश कर्मचारियों को बर्खास्तगी पत्र (टर्मिनेशन लेटर) भी थमा दिया गया है.
सेवा के तहत काम करने वाले राज्य भर के 1100 से ज्यादा कर्मचारियों को जुलाई-अक्टूबर (चार माह) से वेतन का भुगतान नहीं किया गया है. जिकितजा हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड के अनुसार एंबुलेंस को चलाने के लिए डेढ़ करोड़ रुपये प्रत्येक महीना सिर्फ डीजल पर खर्च होता है.
इसके अतिरिक्त गाड़ियों के मेंटेनेंस पर भी खर्च होता है. विभाग के पास कंपनी का पैसा बकाया है. इसी वजह से कर्मचारियों को पैसे का भुगतान नहीं किया जा रहा है. सरकार से पैसे मिलते ही उन्हें भुगतान कर दिया जाएगा
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