झारखंड के भोले-भाले आदिवासियों का ईसाई मिशनरियों द्वारा कराया जा रहा है धर्मांतरण : धर्मांतरण विरोधी कानून का सख्ती से अनुपालन जरूरी


साहिबगंज :  झारखंड सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद यहां के भोले - भाले आदिवासियों को ईसाई बनाने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। 

झारखंड के भोले-भाले आदिवासियों का ईसाई मिशनरियों द्वारा कराया जा रहा है धर्मांतरण :  धर्मांतरण विरोधी कानून का सख्ती से अनुपालन जरूरी


धर्मांतरण के लिए ईसाई मिशनरियों द्वारा नित नई-नई साजिशें रची जा रही है, और हर दिन इसका खुलासा भी होता है। विशेष तौर पर सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों और दुर्गम क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं से वंचित आदिम जनजाति और उनकी विलुप्त होती जा रही समुदायों को ईसाई मिशनरियां अपना निशाना बना रही हैं। समाज की मुख्यधारा से कोसों दूर व हाशिए पर रहने को विवश अधिकतर आदिम जनजाति के लोग इसाई मिशनरियों के निशाने पर हैं। 

आए दिन झारखंड के विभिन्न क्षेत्रों में धर्मांतरण की घटनाएं अखबारों की सुर्खियां बनती हैं। यह विडंबना ही कही जाएगी कि झारखंड में धर्मांतरण गैरकानूनी होने के बाद भी ईसाई मिशनरियां यहां के सीधे-साधे आदिवासी समुदाय को टारगेट कर उनका धर्मपरिवर्तन कराने में सफल हो रहे हैं।

इस संबंध में हिंदू धर्म रक्षा मंच के केंद्रीय अध्यक्ष संत कुमार घोष कहते हैं कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि धार्मिक विश्वास और आस्था, सबों का व्यक्तिगत अधिकार है। सभी धर्म एवं संप्रदायों को अपने धर्म के अनुसार पूजा-पद्धति को अपनाने का भी अधिकार है, लेकिन झूठे वादों और प्रलोभन के जरिए भोले - भाले आदिवासियों का धर्मांतरण कराना एक प्रकार का छलावा है। 

ईसाई मिशनरियां छद्म तरीके से ताना-बाना तैयार कर अपने जाल में भोले-भाले आदिवासी समुदाय के लोगों को फंसाती रहती है। ईसाई मिशनरियों द्वारा चंगाई सभा के जरिए अंधविश्वास फैलाकर ईसाई धर्म अपनाने के लिए सीधे-साधे और भोले-भाले आदिवासी समुदाय के लोगों को बहलाया जाता है। उन्हें भोजन, वस्त्र, नौकरी और चिकित्सा आदि सुविधाएं मुहैया कराने के नाम पर ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया जाता है। 

उन्होंने बताया कि हिंदू धर्म रक्षा मंच के कार्यकर्ताओं द्वारा जोर-शोर से समाज में धर्म के प्रति जागरूकता अभियान चलाया जाता है। बीच- बीच में विभिन्न मंदिरों में हनुमान चालीसा पाठ कार्यक्रम, हनुमान चालीसा पुस्तिका का वितरण कर धर्म के प्रति आस्था जगाने जैसे कार्यक्रम चलाए जाते हैं, ताकि धर्मांतरण पर रोक लगाई जा सके।

दिलचस्प बात यह है कि अपने पूर्वजों के धर्म को छोड़कर नए पंथ व मजहब को अपनाने वाले लोग न तो ईसा मसीह के विराट व्यक्तित्व को जानते हैं, न ही ईसाइयों के धार्मिक ग्रंथ बाइबिल की उन्हें समझ होती है। हांलाकि कई जगहों पर चंद सुविधाओं के लिए ईसाई धर्म अपनाने वाले भोले- भाले लोगों को बाद में जब पता चलता है कि उनके साथ किए गए सभी वादे झूठे थे और गलत तरीके से उनका धर्म परिवर्तन कराया गया है, तो वैसे कई लोग घर वापसी में भी तनिक देर नहीं करते हैं। 

वहीं हिंदू धर्म रक्षा मंच के प्रदेश महासचिव बजरंगी महतो बताते हैं कि झारखंड में धर्मांतरण गैरकानूनी है। इसके लिए कानून भी बनाया गया है, लेकिन धर्मांतरण विरोधी कानून का अनुपालन सुनिश्चित कराने की दिशा में प्रशासनिक स्तर पर कहीं न कहीं अवश्य कोताही बरती जा रही है, जिसका नतीजा है कि सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी इसाई मिशनरियां धर्मांतरण कराने में सफल हो रही हैं। 

उन्होंने कहा कि आजकल साहिबगंज जिला अंतर्गत तीनपहाड़ क्षेत्र के बाबूपुर गांव में जोरशोर से लोगों का धर्मांतरण करवाया जा रहा है। ईसाई मिशनरियों ने बड़े पैमाने पर गांव में घूमघूमकर और युवाओं को प्रलोभन देकर लोगों को क्रिश्चियन धर्म अपनाने को मजबूर किया है। वे कहते हैं कि स्थानीय लोगों को इसकी जानकारी होने के बाद भी वे लोग मौन धारण किए हुए हैं। बजरंगी महतो ने विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और भाजपा आदि हिंदूवादी संगठनों से धर्मांतरण रोकने में सहयोग की अपील की है। बजरंगी ने जिला प्रशासन से ऐसे मिशनरियों को चिन्हित कर कार्रवाई की मांग की है।

हालांकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड में धर्मांतरण विरोधी कानून के अनुपालन की दिशा में सख्त कदम उठाया है। सभी जिलों के उपायुक्तों को इस कानून का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है। इसके बावजूद साहिबगंज सहित राज्य में कई जगहों पर प्रशासन की कोताही उजागर हुई है। ऐसी घटनाओं ने धर्मांतरण विरोधी कानून की पोल खोलकर रख दी है।

बहरहाल, झारखंड सरकार ने धर्मांतरण विरोधी कानून के सख्ती से अनुपालन की दिशा में निर्देश तो दे दिया है, लेकिन यह कहां तक सफलीभूत हो पाता है, यह देखने वाली बात होगी।

Connect with Sahibganj News on Telegram and get direct news on your mobile, by clicking on Telegram.

0 Response to "झारखंड के भोले-भाले आदिवासियों का ईसाई मिशनरियों द्वारा कराया जा रहा है धर्मांतरण : धर्मांतरण विरोधी कानून का सख्ती से अनुपालन जरूरी "

Post a Comment

साहिबगंज न्यूज़ की खबरें पढ़ने के लिए धन्यवाद, कृप्या निचे अनुभव साझा करें.

Iklan Atas Artikel

Iklan Tengah Artikel 2

Iklan Bawah Artikel