बेकार पड़े पत्थर खदानों का अब होगा सही उपयोग : होगा मछली पालन, केंद्रीय जल संसाधन विकास विभाग की टीम ने लिया जायजा
दुमका :- जिला मत्स्य पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार के साथ केन्द्रीय जल संसाधन विकास विभाग की टीम ने रविवार को रानीश्वर प्रखंड के नांदना पाहाड़ी अन्तर्गत अनुपयोगी पत्थर खदान के जलाशय में मछली पालन का जायजा लिया।
ज्ञात हो कि जिले के उपायुक्त रविशंकर शुक्ला ने जिलान्तर्गत अनुपयोगी पत्थर खदानों के जलाशयों में मछली पालन का अभिनव प्रयोग किया है।
नांदना गांव में बिगत दो दशक से अनुपयोगी पत्थर खदान के जलाशय में 42 लाख के लागत पर केज का निर्माण कराया गया है।मत्स्य विभाग के द्बारा यहां केज के संचालन हेतु 26 सदस्यीय समिति का गठन कर पिछले 22 जून को उपायुक्त के कर कमलों से उद्घाटन कराया गया था। उस समय यहां जलाशय में एक लाख पचास हजार मछली का जीरा भी छोड़ा गया था। समिति के सचिव गुरुदयाल मंडल ने बताया कि यहां तीन क़िस्तो में 60 हजार, 19 हजार एवं 9 हजार जीरा छोड़ा गया है।
वर्तमान में मछली का वजन एक सौ से आठ सौ ग्राम के बीच है। पंचायत के मुखिया मीनू कल्याणी सोरेन समिति के संरक्षक एवं कृष्णा डोम अध्यक्ष हैं।
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