झारखंड का पश्चिमी सिंहभूम : पूर्व मुख्यमंत्री से लेकर वर्तमान मुख्यमंत्री तक का विजन
झारखण्ड का पश्चिमी सिंहभूम वाला जिला, यूं तो खान और खनीज के लिए जाना जाता है, लेकिन यहां पर्यटन की भी व्यापक संभावनाएं हैं।
ब्रिटिश काल के तीन हवाई अड्डे चाईबासा, गुआ, नवामुंडी, बेनिसागर जैसी अंतर्राष्ट्रीय स्तर की धरोहर, एशिया प्रसिद्ध सारंडा वन, बाहुबली झरना, जिसका पानी 80 फुट ऊपर से आता है और धरती पर गायब हो जाता है। 12 सौ साल पुराने विजय नदी के तट पर मौजूद मां कंसरा का मंदिर, ऐतिहासिक मां केरा का धाम, विश्व कल्याण आश्रम समीज, महादेव शाल मन्दिर, 250 वर्ष से अधिक पुराना चाईबासा का प्रभु जगन्नाथ मंदिर, ऐतिहासिक लुथेरेन चर्च और लुपुमगुटु का झरना।
बता दें कि सन 2000 में पर्यटन मंत्री के रूप में जोबा मांझी ने एक ऐसा विजन डॉक्यूमेंट सरकार को पेश किया था, जिसे देखकर तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने टोंटो को टोरंटो बनाने की बात कही थी। 2015 में सरकार को बेनिसागर सागर पर आधारित पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए फ़िल्म का प्रस्ताव मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यकाल में दिया गया।
आज भी इसकी फाइल सरकार के पास है।बेनिसागर के मामले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचाने में तत्कालीन सांसद स्व लक्ष्मन गिलुआ का बड़ा हाथ रहा है। वर्तमान सांसद गीता कोड़ा भी 1400 साल पुरानी धरोहर को लेकर काफी संजीदा हैं।
पश्चिमी सिंहभूम में जो सम्भावना है, उसे देखते हुए अगर इस दिशा में ईमानदारी से काम हुआ होता तो आज रोजगार के लिए पलायन को रोकने में पर्यटन उद्योग कारगर उपाय साबित होता, लेकिन पर्यटन के मामले में खुलते सम्भावनाओं के खुलते द्वार को जोर लगा कर वैसे लोगों ने बन्द कर दिया, जिन्होंने यहां के पर्यटन पर लाखों की फ़िल्म तो बनाई, बिल बनाया और नौ दो ग्यारह हो गए। मगर पर्यटन विकास वहीं का वहीं रह गया। खैर आइए हम गौर करते है कि यहां पर्यटन विकास को लेकर यहां किस नेता का कितना विजन रहा है।
बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री के रूप में पश्चिमी सिंहभूम में पर्यटन सम्भावनाओ को देखते हुए तत्कालीन पर्यटन मंत्री जोबा मांझी के नेतृत्व में तत्कालीन उपायुक्त राजीव अरुण एक्का की देखरेख में राज्य में पहली बार पर्यटन महोत्सव प्रारम्भ करवाया।
मुख्यमंत्री के रूप में वर्तमान के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने टोंटो में घाटी परिदृश्य आदि को देखते हुए यहां एक बड़ी फिल्म सिटी की संभावना तलाशी।
वर्तमान मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कभी सारंडा को इंटरनेशल टूरिज्म की व्यापक सम्भावना वाला केंद्र बताया था और यहां की सात सौ पहाड़ी के सौंदर्य के वे सदैव कायल रहे हैं। यह इसलिए भी की वर्तमान मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन बेहतरीन फोटोग्राफी का नज़रिया भी रखते हैं।
सारंडा और सिंहभूम का दुर्भाग्य
पर्यटन की व्यापक सम्भावना होने के बावजूद प्रशासनिक उदासीन रवैये के कारण आज सारंडा की हसीन वादियों और 1400 साल पुरानी ऐतिहासिक धरोहर बेनिसागर में पर्यटकों का टोटा है, इससे हज़ारो युवाओं को रोजगार मिलने की संभावना खत्म सी हो गई है, यहां स्वर्ग सी धरती होने के बावजूद न मनोरंजन के साधन हैं, न पर्यटन की सुविधाएं।Connect with Sahibganj News on Telegram and get direct news on your mobile, by clicking on Telegram.
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