मकर संक्राति विशेष: जानिए पूजा विधि और शुभ मुहुर्त, कैसे दें सूर्य को अर्घ्य?


त्यौहार 

भारत सहित झारखंड की हर गालियां आज तिलकुट और गुड़ की सोंधी महक से सुगंधित है। 

मकर संक्राति विशेष: जानिए पूजा विधि और शुभ मुहुर्त, कैसे दें सूर्य को अर्घ्य?


नए साल का पहला त्योहार मकर संक्राति को लेकर पूरे राज्य में धूम है। विषेश रूप से बच्चों में तो उत्साह दुगुना है। एक तो वीकएंड और उसपर से पतंगबाजी, तो कुल मिलाकर बच्चों की तो हो गई है हैप्पी वाली मकर संक्राति। वहीं बड़ों की बात करें तो उनके लिए भी ये मकर संक्रांति खास है।

बाजारों की चहल - पहल बता रही हैं कि इस बार की संक्रांति को लेकर भारत सहित साहिबगंज के लोगों में बेहद उत्साह है, और हो भी क्यों नहीं, कई शुभ मूहूर्त और लग्न में पड़नेवाले इस मकर संक्राति में कई रीती- रिवाज माने जाते हैं। आज हम चर्चा करेंगे मकर संक्राति को लेकर इसके शुभ मूहूर्त और पूजन विधी की।

जानिए क्या है शुभ मुहूर्त? 

 
हिंदु धर्म में मकर संक्रांति एक प्रमुख त्योहार माना जाता है। भारत के अलग-अलग राज्यों में मकर संक्रांति को विभिन्न नामों से जाना जाता है। इस त्योहार को गुजरात में उत्तरायण, पूर्वी उत्तर प्रदेश में खिचड़ी और दक्षिण भारत में इस दिन को पोंगल के रूप में मनाया जाता है। इस पर्व को सूर्य के गोचर या राशि परिवर्तन के मौके पर मनाया जाता है। इस दिन सूर्यदेव धनु राशि से निकलकर मकर में प्रवेश कर जाते हैं।

इस गोचर के साथ ही एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना घटती है। सूर्य दक्षिण दिशा से उत्तर की ओर खिसकने लगता है। सूर्य के इस बदलाव से मौसम में भी परिवतर्न आता है और शरद ऋतु से बसंत ऋतु का आगमन होता है। वैसे तो मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाती थी, 

लेकिन गोचर काल को देखते हुए कई बार तिथियों में परिवर्तन होता है। इस बार भी  मकर संक्रांति की सही तिथि को लेकर थोड़ा संशय है। हिंदू पंचांग के अनुसार, ग्रहों के राजा सूर्य 14 जनवरी 2023 की रात 8 बजकर 21 मिनट पर मकर राशि में गोचर करेंगे। उदया तिथि 15 जनवरी को प्राप्त हो रही है। ऐसे में मकर संक्रांति नए साल में 15 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी।
 

मकर संक्राति में कैसे करे पूजा व दान?

 
मकर संक्रांति के दिन सुबह जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी में जाकर स्नान करें। यदी नदी में स्नान नहीं कर सकते तो नहाने के जल में ही गंगाजल मिलाकर स्नान कर कर लें। फिर इसके बाद साफ वस्त्र पहनकर तांबे के लोटे में पानी भर लें और उसमें काला तिल, गुड़ का छोटा सा टुकड़ा और गंगाजल लेकर सूर्यदेव के मंत्रों का जाप करते हुए अर्घ्य दें। इस दिन सूर्यदेव को अर्घ्य देने के साथ ही शनिदेव को भी जल अर्पित करें। इसके बाद गरीबों को तिल और खिचड़ी का दान करें। 

मकर संक्रांति के दिन पानी में काली तिल और गंगाजल मिला कर स्नान करें। इससे सूर्य की कृपा होती है और कुंडली के ग्रह दोष दूर होते हैं। ऐसा करने से सूर्य और शनि दोनों की कृपा मिलती है, क्योंकि इस दिन सूर्य अपने पुत्र शनि के घर मकर में प्रवेश करते हैं। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव को अर्घ्य देना बेहद शुभ होता है। इस दिन तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें काला तिल, गुड़, लाल चंदन, लाल पुष्प, अक्षत आदि डालें और फिर 'ॐ सूर्याय नम:' मंत्र का जाप करते हुए सूर्य को अर्घ्य दें।

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