ये दौलत भी ले लो.… न चिट्ठी ना संदेश... ग़ज़ल सम्राट जगजीत सिंह
‘झुकी झुकी सी नजर बेकरार है कि नहीं’, ‘लौटा दो मुझे वो बचपन के दिन’, ‘तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो’, ‘ये दौलत भी ले लो’, ‘चिठ्ठी न कोई संदेश’ जैसी गजलों को अमर करने वाले गायक हैं जगजीत सिंह।
बॉलीवुड फिल्मों में गजल का जिक्र होते ही सबसे पहले दिमाग में ‘गजल सम्राट’ जगजीत सिंह का नाम आना लाजमी है। उन्होंने अपनी रूहानी आवाज से गजल को कुछ इस तरह अमर किया कि आज जगजीत सिंह भले ही हमारे बीच मौजूद न हों, लेकिन उनकी आवाज में मौजूद गाने आज भी सबको मदहोश कर देते हैं।
जगजीत सिंह का जन्म 8 फरवरी 1941 को राजस्थान में हुआ था। बॉलीवुड के कई सितारों की तरह ही जगजीत सिंह ने भी गायकी में नाम कमाने के लिए अपनी असली पहचान को पीछे छोड़ते हुए अपने हुनर के दम पर एक नई पहचान बनाई।
जगजीत सिंह का असली नाम जगमोहन सिंह धीमान था। उन्होंने ‘प्रेम गीत’, ‘अर्थ’, ‘साथ साथ’, जैसी फिल्में और सीरियल ‘मिर्जा गालिब’ में गजल गाकर संगीत के इस पारंपरिक रूप को फिल्मों में एक नया जीवनदान दिया था।
गायकी की दुनिया में ऊंचा मुकाम हासिल करने वाले जगजीत सिंह की निजी जिंदगी काफी मुश्किलों भरी रही थी। सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले ज्यादातर लोगों की तरह ही उनके पिता भी चाहते थे कि उनका बेटा पढ़-लिखकर बड़ा अफसर बने। वह जगजीत सिंह के फिल्मों में गाना गाने के सख्त खिलाफ थे और इसी वजह से गजल सम्राट को घर से भागकर गायकी में करियर बनाना पड़ा
भागकर मुंबई पहुंचने के बाद जगजीत सिंह को सपनों की नगरी में गुजारा करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी। दो वक्त की रोटी का इंतजाम करने के लिए दर-दर की ठोकरें खाते थे। मुफ्त में खाना मिल सके, इस वजह से वह होटलों में गाना भी गाया करते थे। काफी संघर्ष के बाद जगजीत सिंह की जिंदगी में उम्मीद की किरण तब आई जब उन्हें पहली गुजराती फिल्म में गाना गाने का मौका मिला।
जगजीत सिंह की पत्नी चित्रा दत्ता संग उनकी शादी भी आसान नहीं थी। गायक से मिलने से पहले चित्रा शादीशुदा थीं और उनकी एक बेटी भी थी। वह अपने पति से अलग हो गई थीं, लेकिन उनका तलाक नहीं हुआ था, जिस वजह से जब जगजीत सिंह ने उनके सामने शादी का प्रस्ताव रखा तो वह तुरंत हां नहीं बोल पाईं।
गायक के सामने ऐसी स्थिति आ गई थी कि उन्हें चित्रा के पहले पति से बात कर शादी की इजाजत लेनी पड़ी थी। शादी के बाद कपल ने एक बेटे का स्वागत किया था। लेकिन उनपर एक बार फिर दुखों का पहाड़ तब टूट पड़ा, जब एक सड़क हादसे में उनके बेटे की मौत हो गई। इस हादसे के बाद वह सदमें में चले गए थे और उन्होंने गायकी से लंबा ब्रेक ले लिया था।
By: Sanjay Kumar Dhiraj
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