आधुनिक भारत के शिल्पकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय: प्रोफेसर सुबोध झा की कलम से
भारत की पवित्र भूमि पर एकात्म मानववाद व अन्त्योदय के प्रबल समर्थक, युगांतकारी युगदृष्टा, महान दार्शनिक, चिंतक, क्रांतिकारी समाज सुधारक, प्रखर लेखक व पत्रकार, धर्म एवं नैतिकता के सत्य शाश्वत मूल्यों के प्रख्यात उपदेशक,
आधुनिक राजनीति के शिल्पकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय के कारण ही आज का भारत परम वैभव की प्राप्ति हेतु अग्रसरित है और विश्व मंच पर अग्रणी है। ऐसे उदार व्यक्तित्व को सहृदय श्रद्धांजलि अर्पित है।
एकात्म मानववाद के प्रणेता,
समरस दयाभाव के राजनेता,
भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष,
अन्त्योदय के रहे निर्माणकर्ता।
सनातन संस्कृति के एक चिंतक;
समावेशित विचार के युगप्रवर्तक;
व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण को;
आर.एस.एस. के वे बने प्रचारक।
हिन्दी–अंग्रेजी के प्रकांड विद्वान;
साहित्य जगत के लेखक महान;
राष्ट्रजीवन दर्शन के एक सूत्रधार;
विपक्ष से विकल्प का था निर्माण।
राजनीति के महान संगठनकर्ता;
सशक्त भारत के भाग्य विधाता;
अमर रहे पं. दीनदयाल उपाध्याय;
आधुनिक भारत का एक युगदृष्टा।
0 Response to "आधुनिक भारत के शिल्पकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय: प्रोफेसर सुबोध झा की कलम से"
Post a Comment