सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में मनाई गई "महर्षि वेदव्यास की जयंती"


साहिबगंज : शनिवार को विद्या भारती विद्यालय, जमुनादास केदारनाथ चौधरी सरस्वती शिशु विद्या मंदिर के वंदना कक्ष में "महर्षि वेदव्यास जयंती" मनाई गई। सर्वप्रथम विद्यालय की वरिष्ठ आचार्या किरण कुमारी गुप्ता ने महर्षि वेदव्यास के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं पुष्प अर्पित किया।

सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में मनाई गई "महर्षि वेदव्यास की जयंती"

जयंती समारोह को संबोधित करते हुए आचार्य अमित कुमार ने बताया कि महर्षि वेदव्यास एक महान कवि, लेखक और तत्वदर्शी ज्ञानी थे। वेदव्यास अष्ट चिरंजीवियों में एक हैं, यानी इनकी कभी मृत्यु नहीं होगी, कभी वृद्ध नहीं होंगे और हर युग में जीवित रहेंगे। महर्षि वेदव्यास को भगवान विष्णु का अवतार माना गया है।

किरण कुमारी गुप्ता ने बताया कि वेदव्यास महर्षि पाराशर और माता सरस्वती के पुत्र थे। उन्होंने बताया कि वेदव्यास ने ही वेदों का संपादन किया था, इसलिए इनका नाम वेदव्यास पड़ा। महाभारत जैसे श्रेष्ठ ग्रंथ की रचना भी इन्होंने ही की थी।

कक्षा सप्तम की बहन अनुष्का कुमारी एवं कक्षा षष्ठ के भैया आरुष तिवारी ने भी महर्षि वेदव्यास की जीवनी पर प्रकाश डाला। जयंती समारोह का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन आचार्य अमित कुमार ने किया। जयंती समारोह में विद्यालय के आचार्य कल्याण भंडारी, राघव वत्स, श्यामा प्रसाद, अर्चना वर्मा, लिपिका राज सिंह, निर्मला कुमारी, सारिका कुमारी, स्नेहा भारद्वाज, क्रिस्टीना मुर्मू, एनी एवं विद्यालय के सभी भैया और बहन उपस्थिति थे।

By: Sanjay Kumar Dhiraj

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