हाथियों के झुंड ने घरों को तोड़ा; खाद्यान्न खाए, फसलों को किया नष्ट
गिरिडीह : डुमरी प्रखंड के पोरैया पंचायत स्थित पारसनाथ पहाड़ की तराई में बसे वासेजाम गांव में मंगलवार की देर रात जंगली हाथियों के झुंड ने चार घरों को क्षतिग्रस्त कर घर में रखे कई क्विंटल अनाज व अन्य सामान सहित कई ग्रामीणों के खेतों में लगे फसलों को बर्बाद कर दिया।
सूचना पर रात को ही वन विभाग के कर्मी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों के साथ मिलकर झुंड को गांव से बाहर खदेड़ा। फिलहाल हाथियों का झुंड गांव से सटे पारसनाथ पहाड़ की तराई के जंगल में डेरा डाले हुए है। झुंड में लगभग दो दर्जन व्यस्क और चार बच्चा हाथी बताया जा रहा है।
झुंड के गांव में आने से ग्रामीण भयभीत है। सूचना के बाद बुधवार की सुबह मुखिया राजकुमार महतो और पंचायत समिति सदस्य प्रवीण महतो गांव पहुंचकर प्रभावितों से मिले और क्षति का जायजा लिया और सरकारी प्रावधान के तहत मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया।
साथ ही तत्काल सहायता के रूप में प्रशासन से कहकर अति प्रभावित दो ग्रामीणों को 50-50 किलो चावल मुहैया करवाया। हाथियों का झुंड मंगलवार को करीब एक बजे रात पोरैया पंचायत के वासेजाम गांव आ धमका। इस समय ग्रामीण घरों में सो रहे थे।
झुंड के तोड़फोड़ और चिघ्घाड़ने की आवाज सुन ग्रामीणों की नींद खुली। वे किसी तरह घरों से निकल कर सुरक्षित स्थान की ओर भागे। इस दौरान हाथियों के झुंड ने टुकन महतो का पक्का मकान क्षतिग्रस्त कर घर में रखा 2 क्विंटल चावल, 50 किलो आटा, 50 किलो गेंहू और खेत में लगा धान की की फसल बर्बाद कर दिया।
नम्रता देवी पति उमाशंकर महतो के घर को क्षतिग्रस्त कर 2 क्विंटल चावल, 50 किलो गेंहू, 50 किलो आटा बर्बाद कर दिया। रूद्र महतो का घर क्षतिग्रस्त कर चावल, आटा, गेंहू और मक्का, हल्दी और मिर्च का फसल बर्बाद कर दिया।
अंजु देवी पति प्रकाश महतो का घर क्षतिग्रस्त कर घर में रखा कई क्विंटल अनाज बर्बाद कर दिया। लुटेश्वर महतो के घर में रखा कई क्विंटल अनाज और खेत में लगा मकई की फसल बर्बाद कर दिया एवं मोहनी देवी पति दालो महतो के खेत में लगा धान, अरहर, मक्का, बाजरा की फसल को रौंद कर नष्ट कर दिया।
बताया जाता है कि ग्रामीणों की सूचना पर रात में ही प्रभारी वनपाल के नेतृत्व में वन रक्षियों की एक टीम, जिसमें शशि कुमार, सुरेश महतो, श्रीकांत और प्रियेश विश्वकर्मा शामिल थे, गांव पहुंचे और ग्रामीणों के सहयोग से झुंड को गांव के बाहर खदेड़ दिया।
By: Sanjay Kumar Dhiraj
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