प्रोफेसर सुबोध झा ने दी अभियंता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं, विशेष "अभिनन्दन है अभियंता"
जन्म लिया जिसने मानव तन,
विस्तृत हुआ जो उनका मन,
विश्वकर्मा की अपार शक्ति से,
अर्जन करता जो देश का धन।
ईश्वर ने बनाया मानव को,
मानव ने बनाया अभियंता;
समृद्ध किया है जन जन को,
ईश्वर स्वरूप ही पुजा जाता।
घर-घर में वह जगह बनाता है;
आधुनिकता की राह दिखाता है;
मानव तन को सुख पहुँचाता है;
हमारे सब सपनों को सजाता है।
मानव जीवन को सरल बनाता है;
सुई से तलवार तक घर लाता है;
देश को विश्व में मान दिलाता है ;
वही तो ही अभियंता कहलाता है।
नई नई तकनीक वह लाता;
समृद्धि से देश है बढ़ता जाता;
शुभकामना हो ऐसे मानव को;
धन्य धन्य हो अपना अभियंता।
सुबोध झा
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