डेंगू ने ले ली आयुष चिकित्सक की जान, एलाइजा किट की कमी से जूझ रहा स्वास्थ्य विभाग
साहिबगंज जिले में डेंगू ने पांव पसारना शुरू कर दिया है। जिले में बुधवार तक 31 पॉजिटिव मरीज मिले हैं। मंगलवार को डेंगू के कारण प्रसिद्ध आयुष चिकित्सक 68 वर्षीय कपिल देव राम ने दम तोड़ दिया।
बोरियो प्रखंड के महावीर टोला निवासी डॉक्टर कपिल साहिबगंज सदर अस्पताल में जिला आयुष पदाधिकारी के पद पर भी कार्यरत रहे थे। 2016 में वे सेवानिवृत्त से पूर्व डीएमओ के प्रभार में भी थे। डॉक्टर कपिल के पुत्र और सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉक्टर सचिन कुमार ने बताया कि उनके पिता कुछ दिनों से बीमार थे।
घर पर ही उनका इलाज चल रहा था और स्वास्थ्य में सुधार हो रहा था, लेकिन मंगलवार को अचानक तबियत बिगड़ी और उनकी मौत हो गई। जिले में इस साल का यह पहला मामला है। अबतक 216 संदिग्ध डेंगू मरीजों की जांच की गई है। डेंगू की जांच के लिए एलाइजा किट की मांग स्वास्थ्य विभाग, रांची से की गई है।
वहीं, भीबीडी डॉक्टर सती डाबडा ने बताया कि डॉक्टर कपिल देव की जांच एलाइजा किट से नहीं की गई थी। थायरोकेयर से उनकी जांच कराई गई थी, जो डेंगू वायरस की सौ प्रतिशत पुष्टि नहीं करती है। डेंगू वायरस का सही पता एलाइजा किट से ही चलता है।
उन्होंने बताया कि जिस मरीज का प्लेटलेट्स एक लाख से नीचे गिरता है, तो उसे डेंगू का खतरा हो सकता है। जबकि डॉक्टर कपिल देव का पेटलेट्स एक लाख तीस हजार था, जो सामान्य था। यानी एक गलत जांच ने डॉक्टर कपिल की जान ले ली। अगर समय रहते एलाइजा किट से उनकी जांच कराई जाती तो वे आज हमारे बीच होते।
साहिबगंज से संजय कुमार धीरज
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