निर्मल कुमार दे की कविता, मोनालिसा
निर्मल कुमार दे की कविता, मोनालिसा
छा गई मोनालिसा
सोशल मीडिया पर
नीली -नीली आँखों वाली
सादगी की मूर्ति है यह बाला
कमसिन है भोली है
पर बड़ी समझदार है।
कुंभ मेले गई है
माला बेचने;
पर उसका नैसर्गिक सौंदर्य
बन गया जंजाल
उसके लिए
लोग माला छोड़
लेते है सेल्फी
उसके साथ
भीड़ लगी रहती है
पर कोई नहीं खरीद रहा
माला ,पवित्र हाथों की।
सार्थक हो कुंभ मेला
खरीदो कुछ मालाएंँ
बेच रही जो मोनालिसा
परिवार की खुशहाली के लिए।
निर्मल कुमार दे
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