इस दुनिया में इज्जतदार कम हैं....
इस दुनिया में इज्जतदार कम हैं....
मैं बेचना चाहती हूँ
बस माला को,
पर यहाँ आए हैं ,
सब लोग अलग-अलग मन के।
इन्हें कहाँ खरीदने हैं
मेरी माला को,
ये निहारना चाहते हैं
मेरे नयनों को।
कोई बस मेरी ,
तस्वीर लेना चाहता है,
कोई मुझसे अपनी
दिल की बातें कहना चाहता है।
पर जो मैं बेच रही हूँ,
उसके ख़रीददार कम हैं,
अब इस दुनिया में
इज्जतदार कम हैं।
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