गांव में साइकिल पर दूध इकट्ठा करता था ये किसान का बेटा, आज खड़ी कर दी 800 करोड़ की कम्पनी


गांव में साइकिल पर दूध इकट्ठा करता था ये किसान का बेटा, आज खड़ी कर दी 800 करोड़ की कम्पनी

पश्चिम बंगाल के रहने वाले नारायण मजूमदार ने 3 रुपए कमाने से शुरुआत की और आज 800 करोड़ की कंपनी के मालिक हैं। इसके लिए उन्हें काफी संघर्षों से गुज़रना पड़ा, लेकिन अपने मजबूत इरादों से उन्होंने वो कर दिखाया जो बहुत लोगों का बस सपना बनकर रह जाता है।

उन्होंने दूध बेचकर इतना बड़ा बिजनस खड़ा कर दिया। 1958 में नादिया जिले के एक किसान परिवार में जन्में नारायण की शुरुआती पढ़ाई स्थानीय स्कूल में ही हुई। उन्होंने साल 1975 में करनाल के एनडीआरआई में डेयरी टेक्नोलॉजी से बीएससी की।

गरीबी में बीते दिनों को याद करते हुए नारायण मजूमदार बताते हैं कि 1973 में जब उनकी बड़ी बहन की शादी थी तो खर्च के लिए उनके किसान पिता को अपनी जमीन बेचनी पड़ी थी। जब वह 17 साल के थे, तब से ही अपने कोर्स की फीस चुकाने के लिए वह पूरी तरह से घरवालों पर निर्भर नहीं रहे,

बल्कि अपनी पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए सुबह 5 से 7 बजे तक दूध बेचते थे। वह हर दिन हरियाणा के करनाल में नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट के कैंपस के एक बूथ पर दूध बेचकर तीन रुपये कमाते थे। अपने संघर्ष के 22 साल बाद उन्होंने डेयरी कंपनी की नींव रखी थी।

1979 में कोर्स पूरा करने के बाद कोलकाता में क्वालिटी आइसक्रीम में डेयरी केमिस्ट के तौर पर पहली नौकरी की। इसके बाद उन्होंने सिलीगुड़ी में हिमालयन कोऑपरेटिव, मदर डेयरी जैसी कंपनियों के साथ काम किया। वह 1985 में बहरीन गए और डैनिश डेयरी डेवलपमेंट कॉरपोरेशन में नौकरी की।

लेकिन वहां उनका मन नहीं लगा और वह भारत वापस लौट आए और दोबारा मदर डेयरी ज्वाइन कर ली। नारायण कहते हैं कि "मैं जहां काम करता था, उस कंपनी के मालिक ने मुझे अपना खुद का बिजनेस शुरू करने के लिए प्रेरित किया।

मैंने धीरे-धीरे किसानों से दूध खरीदना शुरू किया और फिर मैंने वही दूध उसी फर्म को बेचना शुरू किया जिसके लिए मैं काम करता था। जब ज़्यादा दूध इकट्ठा होने लगा तो मैंने रेड काऊ नाम से खुद की कंपनी शुरू कर दी।" कुछ गांवों की सड़कें बहुत ऊबड़-खाबड़ थीं, जिनपर चलना मुश्किल होता था,

इसके बावजूद वह कई किलोमीटर तक साइकिल चलाकर दूध इकट्ठा करने जाते थे। मेहनत और लगन से उनका कारोबार बढ़ने लगा। नारायण मजूमदार ने 1999 में हुगली जिले में पहला मिल्क चिलिंग प्लांट लगाया। मौजूदा समय में रेड काउ डेयरी की तीन प्रोडक्शन फैक्ट्री हैं।

उनकी कंपनी में 1000 से ज्यादा लोग काम करते हैं। मजूमदार की कंपनी Red Cow Dairy Private Limited आज पूर्वी भारत में दूध और दूध उत्पादों की बड़ी सप्लायर डेयरी में से एक है। ज़ीरो से शुरू करके इस मुकाम तक पहुंचने वाले नारायण आज हर युवा के लिए मिसाल हैं। वह साबित करते हैं कि सफलता एक दिन की कहानी नहीं, बल्कि सालों के संघर्ष से ही मिलती है। इसलिए अगर आप अपने लक्ष्य को पाना चाहते हैं, तो पूरी लगन से बस आगे बढ़ते रहिए।

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