साहिबगंज जिले के चार सौ से अधिक संदिग्ध बैंक अकाउंट किए गए होल्ड
जिले के चार सौ से अधिक संदिग्ध बैंक अकाउंट किए गए होल्ड, महीनों से लगा रहे बैंक का चक्कर, पर नहीं मिला कोई समाधान
साहिबगंज : अगर आप साहिबगंज जिले के वासी हैं और किसी भी बैंक के ग्राहक हैं तो, कृपया सतर्क हो जाएं। क्योंकि यहां दर्जनों लोगों के बैंक खाते सस्पेक्टेड ट्रांजिशन के नाम पर महीनों से होल्ड पर डाल दिए गए हैं।
इधर संबंधित बैंकों के ग्राहकों की समस्या यह है कि बैंक प्रबंधन से उन्हें खाता होल्ड होने की न तो स्पष्ट जानकारी प्राप्त हो पा रही है, और न ही इसके समधान की जानकारी का पता चल पा रहा है। इस दौरान लोगों को न तो सरकारी योजनाओं का लाभ मिल पा रहा है और ना ही लोन और बीमा की कोई किस्तें कट रही हैं।
इस कारण खाता धारक मानसिक रूप से तनाव में हैं। बता दें कि जिले में इस प्रकार की दर्जनों मामले सामने आए हैं, जहां किसी बैंक के ग्राहक अपनी मेहनत की कमाई होते हुए भी उसे निकाल नहीं पा रहे हैं।
ग्राहकों का कहना है कि जांच का सिलसिला खत्म होने तक कम से कम वह राशि निकालने की छूट दी जाए, जो प्रशासन की नजर में संदिग्ध नहीं हैं। हालांकि इन सबके बीच बैंक प्रबंधन जहां अपने नियमों का हवाला दे रहा है, वहीं दूसरी तरफ ग्राहक अपनी मजबूरी का रोना रो रहे हैं।
ग्राहकों के बार – बार बैंक जाने और शिकायत करने के बावजूद कोई समाधान नहीं निकला है। यहां सिर्फ एक मामला नहीं है, बल्कि पूरे साहिबगंज जिले में चार सौ से अधिक विभिन्न बैंकों के ग्राहक इस समस्या से जूझ रहे हैं। कुछ खातों को पूरी तरह होल्ड पर डाल दिया गया है,
जबकि कुछ खातों में सिर्फ उतनी ही राशि होल्ड की गई है, जितनी संदेहास्पद ट्रांजेक्शन बताई गई है। आखिर सवाल यह उठता है कि बैंक यह फैसला किस आधार पर करती है। क्यों कुछ खातों को पूरी तरह होल्ड कर दिया जाता है और कुछ को आंशिक रूप से?
नियमों के अनुसार, कोई भी जांच अधिकारी मनमानी तरीके से किसी खाते को अनिश्चितकालीन अवधि तक होल्ड पर नहीं डाल सकता। यह ग्राहकों के संवैधानिक और कानूनी अधिकारों का उल्लघंन माना जाता है। नियमों के अनुसार, यदि किसी खाते पर होल्ड लगाया जाता है तो खाताधारक सिर्फ होल्ड की गई राशि को नहीं निकाल सकता है, लेकिन शेष राशि निकालने का अधिकार ग्राहकों को होता है।
उदाहरण के लिए यदि किसी खाते पर पांच सौ रुपए का होल्ड लगा है और उसमें दो हजार रुपए क्रेडिट हुआ है तो खाताधारक पंद्रह सौ रुपए निकाल सकता है। बैंकिंग सेवाएं ग्राहकों की सुविधा के लिए होती है, न की उन्हें परेशान करने के लिए।
जरूरी है कि बैंक अपनी नीतियों को स्पष्ट करे और ग्राहकों के साथ पारदर्शिता बनाए रखें, ताकि किसी को भी अपनी मेहनत की कमाई के लिए महीनों तक दर – दर भटकना न पड़े। क्या कहते हैं एलडीएम : लीड बैंक के मैनेजर और एलडीएम सुधीर कुमार ने बताया कि अलग – अलग मामलों में होल्ड लगाने की अलग – अलग प्रक्रिया होती है। होल्ड लगाने की प्रक्रिया जहां से की जाती है, वहीं से इसे हटाया जाता है। उन्होंने बताया कि जितनी राशि की सस्पेक्टेड ट्रांजेक्शन होती है, उतनी राशि पर ही होल्ड लगाने का प्रावधान है। ऐसे में यदि पूरे बैंक अकाउंट पर होल्ड लगाया गया है तो यह जांच का विषय है।
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