सुबोध झा की कविता :"राम शिव का, रावण शिव का"


सुबोध झा की कविता :"राम शिव का, रावण शिव का"

राम शिव का, रावण शिव का;

सुंदर उपवन,फागुन शिव का।


जीवन शिव का, मरण शिव का;

मेरी भक्ति में वरण है शिव का। 


काम शिव का, नाम शिव का;

मेरा हर इमान भी शिव का।


मेरा सब अभिमान है शिव का;

मेरा हर इक नाम भी शिव का। 

 

गर मेरा हर अपमान है शिव का;

तो मेरा हर सम्मान भी शिव का।


गर सारा मिरा दुःख शिव का;

तो मेरा हर सुख भी शिव का। 


अपना क्या है सब है शिव का; 

रोम - रोम पर हक है शिव का।


बस कल्याण हो जाए जग का,

भक्ति करें हम सब शिव का।


शिव स्वरूप की भक्ति कर लो;

सुख समृद्धि की शक्ति भर लो;


हे शिव ! हम आए हैं शरण में;

प्राणिमात्र का कष्ट बस हर लो।

 

सुबोध झा
साहिबगंज

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