सेवानिवृत्त होने पर विदाई समारोह: शिक्षक अंजनी अपने जीवन में कभी अवकाश नहीं लिया
साहिबगंज :– मंडरो प्रखंड के उत्क्रमित उच्च विद्यालय भगैया के प्रांगण में शुक्रवार को विदाई सह सम्मान समारोह आयोजित कर सेवानिवृत्त शिक्षक अंजनी कुमार झा को विदाई दी गई। इस दौरान ठाकुरगंगटी प्रखंड क्षेत्र के मानिकपुर पंचायत मुखिया इग्नासियुस मुर्मू की अध्यक्षता में आयोजित समारोह में वक्ताओं ने कहा कि शिक्षक अपने जीवन में कभी अवकाश ग्रहण नहीं करते,
वे हमेशा अपने शिक्षा की ज्योति से हर समय समाज व बच्चों को बेहतर जीवन शैली को बढ़ावा देकर सुझाव और शिक्षा देते रहते हैं। 30 सालों के दरम्यान वे हर स्थिति में स्कूल पहुंच जाते थे, उनसे शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थी उनका बहुत सम्मान और आदर किया करते हैं।
उनके बारे में शिक्षा और अनुशासन जैसे शब्द कम पड़ जाएंगे, लेकिन गिनती समाप्त नहीं हो पाएगा। वहां मौजूद शिक्षकों ने कहा कि शिक्षिक अंजनी झा के नेतृत्व में विद्यालय में 30 सालों का कार्यकाल उन्होंने छात्र-छात्राओं व शिक्षकों के बीच जो अपनी बेहतर उपलब्धि की छाप छोड़ी है। उसे हमेशा याद रखा जाएगा।
इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि सरकारी सेवा में सेवानिवृत्त होना परंपरा है, जिसे हर कर्मियों को निभाना पड़ता है। आज के दौर में शिक्षकों की बदौलत बच्चे शिक्षा ग्रहण कर देश के साथ – साथ समाज बदलाव की दिशा में काम कर रही है।
इस दौरान सेवानिवृत शिक्षक को विद्यालय के शिक्षकों एवं स्थानीय लोगों, स्कूल शिक्षा प्राप्त व प्राप्त करने वाले बच्चों ने गिफ्ट, गुलदस्ता - चादर एवं अंग-वस्त्र देकर सम्मानित करते हुए भावभीनी विदाई दी। इस दौरान सेवानिवृत्त शिक्षक ने कहा कि उन्हें विद्यालय की ओर से जो सम्मान, प्रेम, स्नेह और आशीर्वाद मिला है, इसके लिए मैं सदैव सभी का ऋणी रहूंगा। हमारे पढ़ाए हुए बच्चों द्वारा अभी तक जो आदर और सम्मान मिला है, उसे कभी भूल नहीं सकता।
आपको बताते चलें कि उन्होंने एक ही स्कूल में लगभग 30 साल 3 महीना लगातार उक्त विधालय में दिया है। उन्होंने इसी विधालय में अध्यापन का कार्य शुरू किया व इसी विधालय से सेवानिवृत्त भी हुए। अपने सेवाकाल के दौरान हर विषम परिस्थितियों में भी वे बच्चों को शिक्षा देने के लिए साहिबगंज से 30 किलोमीटर दूर विद्यालय आते थे।
शिक्षक का जन्मस्थान गोड्डा जिला के पथरगामा, लखन पहाड़ी में हुआ था। उनके माता का नाम कल्याणी देवी और पिता का नाम रजनीकांत झा है। उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा 1979 ई० में दिया था। वे सभी विषयों पर बच्चों को शिक्षा ग्रहण करवाते थे।
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