पत्नी का पैर हुआ फ्रैक्चर तो पति ने बुलेट में लगा दी साइडकार और मिलकर घूम लिया पूरा देश
इस बुजुर्ग ट्रेवल कपल मोहनलाल और लीलाबेन को देखकर आपको साल 1977 की फिल्म घरौंदा का एक गीत ‘दो दीवाने शहर में’ याद आ जाएगा। बुलेट में साइडकार लगाकर, साल 2016 में इस दंपति ने पहली बार साथ में यात्रा की। अपनी इस यात्रा के दौरान, उन्होंने वडोदरा से महाराष्ट्र, केरल, गोवा, कर्नाटक और तमिलनाडु तक की यात्रा की फिर तो ये रुके ही नहीं।
इन्होंने तक़रीबन भारत के हर राज्य की यात्रा बुलेट पर की है। मोहनलाल और उनकी पत्नी लीलाबेन ने अपनी 1974 की विंटेज रॉयल एनफील्ड (बुलेट) मोटरसाइकल पर, चार बार शानदार रोड ट्रिप किए हैं। इस दौरान, उन्होंने अब तक 30 हजार किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय की है।
दरअसल, मोहनलाल ने ओएनजीसी से स्वेच्छा से रिटायरमेन्ट ले ली। जिसके बाद साल 2015 से उन्होंने अकेले ही छोटी-छोटी यात्राएँ करनी शुरू की। वह कहते हैं, “मुझे आज भी याद है, मैं बचपन में कैसे अपने पिताजी के साथ उनके स्कूटर में घूमने जाया करता था।
रिटायरमेंट के बाद जब मैंने घूमना शुरू किया, तो मुझे लगा यह मेरे जीवन का एक नया अध्याय है। मैं हमेशा से चाहता था कि मेरी पत्नी मेरे साथ यात्रा करे।" लेकिन, साल 2010 में दुर्भाग्य से लीला के पैर में फ्रैक्चर हो गया। इसके कारण उन्हें हमेशा दर्द की शिकायत रहने लगी।
साथ ही, वह ठीक से चल भी नहीं पाती थीं। लेकिन मोहनलाल ने पत्नी को साथ ले जाने का एक शानदार इंतजाम किया, ताकि वह बुलेट में आराम से बैठ सके। उन्होंने अपनी बुलेट में इस साइडकार को लगाया। इस दंपति ने 2020 की शुरुआत में, बुलेट से आखरी बार यात्रा की थी।
तब वे आंध्र प्रदेश में श्रीशैलम गए थे। सोचने पर शायद उनकी ये यात्राएं मुश्किल लगे और होंगी भी, लेकिन एक दूसरे का साथ और जीवन को जिंदादिली से जीने के उनके तरिके ने हर मुश्किल काम को आसन बना दिया।
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