शिक्षकों की कमी ने बिगाड़ा शिक्षा विभाग का गणित, 1293 विद्यालयों में मात्र...
शिक्षकों की कमी ने बिगाड़ा शिक्षा विभाग का गणित, 1293 विद्यालयों में मात्र 1315 नियमित व सिर्फ 1920 सहायक अध्यापक ही कार्यरत, सभी विद्यालयों में शिक्षकों की कमी से अभिभावक और विद्यार्थी परेशान
साहिबगंज : सरकार प्रदेश के शिक्षा को हब बता रही है। वहीं दूसरी ओर शिक्षा के इस हब के विद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी है। यह भी बता दें कि सरकारी विद्यालयों में शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने को लेकर सरकार के दावे भले ही बड़े – बड़े हों, लेकिन सच्चाई ये है कि खुद सरकार की अनदेखी के चलते स्कूली शिक्षा का ढांचा चरमराता दिख रहा है। क्योंकि जिला के शिक्षा विभाग में शिक्षकों की कमी बड़ी समस्या बनती जा रही है।
अभी बीते महीने ही दर्जनों शिक्षकों की सेवानवृत्ति ने परेशानी और बढ़ा दी है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिला के 1293 प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च और प्लस–2 विद्यालयों में मात्र 1315 नियमित शिक्षक और सिर्फ 1920 सहायक अध्यापक ही कार्यरत हैं। सेवानवृत्ति के बाद शिक्षकों की संख्या में भारी कमी आई है। वहीं, हर माह कुछ शिक्षक और सेवानिवृत हो जा रहे हैं।
जिस हिसाब से शिक्षकों की सेवानिवृति हो रही है। उस हिसाब से शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पा रही है। ऐसे में बचे हुए शिक्षकों पर ही हजारों–हजार विद्यार्थियों को पढ़ाने का भार है। दर्जनों विद्यालय पिछले कुछ समय से सिर्फ एक शिक्षक के भरोसे ही चल रहे हैं।
शिक्षकों की कमी से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की कल्पना नहीं की जा सकती। शिक्षकों की कमी विद्यार्थियों के परिणाम को भी प्रभावित कर रहा है। इतना ही नहीं, इससे विद्यालयों में बच्चों का नामांकन लगातार घट रही है। प्रायः सभी विद्यालयों में जीव विज्ञान, गणित, हिंदी, अर्थशास्त्र, रसायनशास्त्र आदि विषयों में शिक्षकों की कमी से विद्यार्थी और उनके अभिभावक परेशान हैं।
कई विद्यालयों के विद्यार्थियों ने शिक्षकों की इस कमी को दूर करने की मांग शिक्षा विभाग से की है, ताकि वे अच्छे और सुचारू रूप से पढ़ाई कर सकें। वहीं, अभिभावकों और ग्रामीणों का कहना है कि शिक्षा विभाग यथाशीघ्र शिक्षकों का पदस्थापन करे, ताकि पठन–पाठन सुचारू रूप से हो सके।
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