पश्चिम बंगाल में जल्द लगे राष्ट्रपति शासन : संत कुमार घोष, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को लिखी चिट्ठी
साहिबगंज/राजमहल : पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन को लेकर हिन्दू धर्म रक्षा मंच के केन्द्रीय अध्यक्ष संत कुमार घोष ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा गृहमंत्री अमित शाह को ईमेल तथा शिकायत पोर्टल के माध्यम से चिट्ठी लिखी है।
उन्होंने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद, मालदा और 24 परगना में हुए हाल के घटनाओं का उल्लेख करते हुए राज्य में तत्काल प्रभाव से राष्ट्रपति शासन लगाने कि मांग की। उन्होंने पत्र में लिखा है कि पश्चिम बंगाल में वक्फ बोर्ड संशोधन कानून के विरोध में जो घटनाएं वहां घटित हो रही है, वो दिल दहला देने वाली है।
वक्फ बोर्ड संशोधन कानून के विरोध–प्रदर्शन की आड़ में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इशारे पर टीएमसी के कार्यकर्ताओं तथा एक विशेष समुदाय के द्वारा अनुसूचित जाति और जनजाति व अन्य हिंदुओं की महिलाओं के साथ बलात्कार, प्रताड़ना, आगजनी, लूटपाट, हत्या, हिंसा और जमीन कब्जा आदि जैसी क्रूरता जारी है।
पश्चिम बंगाल की सरकार इन बातों को दबाने की कोशिश में लगी है। शासन और प्रशासन की ओर से उन्हें कोई मदद नहीं मिल रही है। आगे उन्होंने चिट्ठी में लिखा है कि वहां के हिन्दू डर और भय के माहौल में जी रहे हैं। वहां के लोगों द्वारा सताए गए हिंदू पलायन कर झारखंड में शरण ले रहे हैं।
वहां 80 प्रतिशत आबादी अनुसूचित जाति और जनजाति की है। हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को रोक पाने में पश्चिम बंगाल सरकार नाकाम हो रही है, इसीलिए सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और राज्य में तत्काल प्रभाव से राष्ट्रपति शासन लागू कर देना चाहिए।
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